किसी मुद्दे पर शिल्प या किसी शिल्प समूह के अंतर्गत आयोजित होने वाली कार्यशाला/सेमिनार की सूची निम्न है। भविष्य में इन आयोजनों के लिए सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन के आधार पर इस सूची में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी जोड़े जा सकते हैं।
हस्तशिल्प का अवलोकन :
उत्तर प्रदेश में 30 से अधिक हस्तशिल्पकलायें विभिन्न स्तरों पर प्रचलित हैं। अधिकांश हस्तशिल्पकलायें समाज की संस्कृति से गहराई से जुडी हैं। यह जरूरी है कि इस अनोखी सांस्कृतिक छाप को बनाये रखा जाए और साथ ही समकालीन दुनिया में नई संभावनाओं की खोज की जा रही हो।
यह मोड्यूल भारत के हस्तशिल्प की बृहद जानकारी देगा, और उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प के बारे में परिचित कराएगा। यह ऐतिहासिक, विकासशील और समकालीन परिपेक्ष्य के बारे में बताएगा। यह कार्यशाला सभी श्रेणियों के प्रतिभागियों के लिए खुली होगी। उत्तर प्रदेश में कई प्रकार के शिल्प के अनुभव दिलाने के प्रयोजन से हस्तशिल्प पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
कार्यशाला मोड्यूल को दो भागों में चलाया जा सकता है : पहले में कई प्रकार के शिल्प की वृहद् जानकारी दी जाएगी तथा दूसरे में किसी प्रमुख शिल्प शैली का अनुभव करने का मौका मिलेगा। इस कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य शिल्प की विविधता, गुणवत्ता, स्टाइल, ऐतिहासिक और विकास सम्बंधित जानकारी का प्रवाह होगा और प्रदेश के शिल्प के क्षेत्र को तरक्की एवं बढ़ावा मिलेगा। कार्यशाला प्रदेश में शिल्प के विभिन्न परिदृश्यों को आगे ले जाने में मदद करेगा।
- हस्तशिल्प की विभिन्न शैलियों का परिचय,
- वर्तमान हस्तशिल्प समूहों का परिचय,
- काम का वातावरण, पारम्परिक प्रथाए एवं दृष्टिकोण,
- प्रदेश की संपन्न शिल्प कलाओं का परिचय,
- हस्तशिल्प समूह की सामाजिक एवं आर्थिक गतिशीलता,
- हस्तशिल्प के संभावित अवसरों की पहचान एवं विश्लेषण।
पाठ्यक्रम 1 : कैड पैटर्न मेकिंग
समयावधि : 3 माह
पाठ्यक्रम 2 : क्राफ्ट डिज़ाइन डेवलपमेंट
समयावधि : 1 वर्ष