यह संस्थान शिल्प के क्षेत्र में डिजाइन और उद्यमिता के महत्वपूर्ण समझ की उन्नति के लिए ज्ञानाधार प्रदान करेगा। यह उभरते बाज़ारों के अनुकूल समुचित समाधान एवं प्रोटोटाइप विकसित करेगा। यह प्रक्रिया आगे जाकर यू.पी.आई.डी से प्रशिक्षित कारीगरों एवं पेशेवरों के लिए सार्थक करियर प्रदान करेगी। इसके अलावा संस्थान राज्य में सांस्कृतिक रचनात्मक उद्योग को विकसित एवं विस्तृत करने में भी योगदान देगा।
शहरी और ग्रामीण दोनों केन्द्रों में हस्तशिल्प कारीगरों के लिए हस्तशिल्प आजीविका के अवसर प्रदान करता है, जो साथ में पहचान और गौरव भी प्रदान करता है। इसलिए यह संस्थान डिजाइन के प्रचार-प्रसार और शिल्प के क्षेत्र में उद्यमशीलता की समझ को बढ़ावा देकर ऐसी संभावनाओं को मजबूत बनाने में मदद करेगा। कारीगरों के लिए अवसरों की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में परिवर्तन विकेन्द्रीकृत स्थानों पर एक लंबी अवधि का परिणाम है जो कि संस्थान में निरंतर गतिविधियों के माध्यम से अर्जित किया जाएगा।
यह संस्थान का प्रयास रहेगा कि वह उद्यमियों निर्यातकों डिजाइनरों आदि और उस व्यक्ति के बीच में अंतराफलक के रूप में काम कर पाए जिसने यहाँ से प्रशिक्षण लिया हो तथा उस व्यक्ति की नियुक्ति में सहायता भी करें। इस नियुक्ति में यह उन चुने हुए प्रशिक्षुओं के लिए इनक्यूबेटर के रूप में भी कार्य करेगा जो अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करना चाहते होंगे।